आईओसी ने पुलेला गोपीचंद को दिया लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

आईओसी ने पुलेला गोपीचंद को दिया लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

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पुलेला गोपीचंद को देश में खेल को लेकर बेहतरीन काम करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. पुलेला गोपीचंद को पुरस्कार के पुरुष वर्ग में ‘आनरेबल मेंशन’ से नवाजा गया है.


अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने हाल ही में भारतीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद को 2019 कोच लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया है. पुलेला गोपीचंद को देश में खेल को लेकर बेहतरीन काम करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है.

पुलेला गोपीचंद को पुरस्कार के पुरुष वर्ग में ‘आनरेबल मेंशन’ से नवाजा गया है. वे प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाले पहले भारतीय हैं. पुलेला गोपीचंद का भारतीय बैडमिंटन के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है और उनके मार्गदर्शन में लगातार सीखते आ रहे हैं.

आईओसी कोच ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ दुनिया भर के कोचों की उत्कृष्ट उपलब्धियों को पहचानने में योगदान देता है, जिन्होंने ओलंपिक खेलों में खिलाड़ियों को विकसित करने तथा प्रोत्साहित करने हेतु काम किया है.

आईओसी ने एक बयान में कहा कि पैनल उनके भारत में बैडमिंटन के विकास, खिलाड़ियों को सहयोग देने और ओलंपिक मूवमेंट में उनके योगदान हेतु किए गए प्रयासों को सराहना चाहता है. गोपीचंद के मार्गदर्शन में सायना नेहवाल, पीवी सिंधु और किदांबी श्रीकांत जैसे खिलाड़ी लगातार सीखते आ रहे हैं.


पुलेला गोपीचंद के बारे में👇🇮🇳

• पुलेला गोपीचंद का जन्म 16 नवंबर 1973 को आन्ध्र प्रदेश में हुआ था.

• वे एक पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. वे प्रकाश पादुकोण के बाद ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप (2001) जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं.

• गोपीचंद ने साल 1991 में इंटरनेशनल बैडमिंटन में अपनी शुरुआत की जब उन्हें मलेशिया के खिलाफ खेलने हेतु चुना गया था.

• वे वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन टीम के मुख्य राष्ट्रीय कोच हैं. उन्होंने गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी की स्थापना की.

• उन्हें साल 2001 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

• उन्हें 2005 में पद्म श्री और 2014 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

• गोपीचंद को द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

• उनके मार्गदर्शन में ओलंपिक पदक विजेता सायना नेहवाल, ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु और किदांबी श्रीकांत जैसे खिलाड़ी लगातार सीखते आ रहे हैं.

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