जानें मच्छर के काटने से खुजली क्यों होती है?
जानें मच्छर के काटने से खुजली क्यों होती है?
क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब मच्छर काटता है तब पता नहीं चलता है परन्तु कुछ देर बाद लाल दाग हो जाता है और खुजली होने लगती है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि मच्छर के काटने से खुजली क्यों होती है.
अधिकतर देखा गया है कि गर्मियों के दिनों में मच्छर ज्यादा काटते है. आपको बता दें केवल मादा मच्छर ही काटती है, नर मच्छर नहीं. मच्छर वहीँ पैदा होते हैं जहां जल निकाय होता है. क्योंकि मच्छर केवल उच्च नमी वाले स्थानों में अंडे देते हैं. इन मच्छरों को जीवित रहने के लिए गर्म रक्त वाले जीवों के खून की आवश्यकता होती है.
क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब मच्छर काटता है तब पता नहीं चलता है परन्तु कुछ देर बाद लाल दाग हो जाता है और खुजली होने लगती है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि मच्छर के काटने से खुजली क्यों होती है.
💁♂क्यों मच्छर के काटने से खुजली होती है?
मच्छर अपनी सूंड या डंग की सहायता से काटती है, जिसके कारण त्वचा की उपरी परत में छिद्र हो जाता है और रक्त वाहिका भी प्रभावित होती है. काटी हुई जगह पर खून का थक्का न जमें इसके लिए वह विशेष प्रकार का थक्कारोधी रसायन अपनी लार के द्वारा हमारे शरीर में छोड़ती है जिससे हमारे शरीर में कुछ देर के लिए खून का थक्का नहीं जमता है क्योंकि यह लार anticoagulant के रूप में कार्य करता है और आसानी से मच्छर हमारा खून चूस लेती है. लार में रसायन होने के कारण, हमारे शरीर में प्रवेश करने पर खुजली होती है और थोड़ी सी वह जगह लाल होकर सूज जाती है.
🔜आइये खुजली होने के पीछे वैज्ञानिक कारण देखते है
मच्छर में मौजूद एक ट्यूब hypopharynx के माध्यम से उसकी लार आपके शरीर में जाती है, जबकि दूसरी ट्यूब labrum के जरिये आपका खून ऊपर की तरफ पंप होता है जहां पर मच्छर काट रहा होता है. इन दो ट्यूबों की मदद से मच्छर आसानी से काट कर खून चूस पाता है. इस लार में एंजाइम और प्रोटीन होते हैं जो आपके शरीर की थक्का प्रणाली को बाईपास करते हैं. ये 19 एंजाइम, प्रोटीन और anticoagulants सीधे आपके शरीर में एलर्जी पैदा कर देते हैं.
आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) एलर्जी के प्रति प्रक्रिया के कारण हिस्टामाइन (histamine) निकालती है. कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि मच्छर के पहली बार काटने से शरीर में लार प्रवेश करती है जिससे एलर्जी हो जाती है और इन घटकों के प्रति संवेदनशीलता हो जाती है. जिसके कारण immunoglobulins का प्रवाह होता है. ये immunoglobulins संयोजी ऊतक (connective tissue) और मास्ट कोशिकाओं (mast cells) को तोड़ते हैं, जो वास्तव में हिस्टामाइन निकालते हैं और आपको खुजली होती हैं. लेकिन मास्ट कोशिकाएं घावों को ठीक करने और रोगजनकों से बचाव करने में भी मदद करती हैं, परन्तु वे एलर्जी प्रतिक्रियाओं और सूजन में एक बड़ी भूमिका भी निभाती हैं और कुछ देर बाद ये histamine, antihistamines से जुडकर खुजली को रोकने में मदद करता है.
एक नई शोध के अनुसार हमारे शरीर में अधिक जटिल प्रतिक्रिया का संकेत मिलता है जिसे "हिस्टामाइन-स्वतंत्र परिधीय मार्ग" (histamine-independent peripheral pathway) कहते है. इसमें मास्ट कोशिकाएं भी शामिल हैं, लेकिन यह माना जाता है कि हिस्टामाइंस (histamines) के अलावा अन्य पदार्थ भी निकलते हैं, जिसके कारण परिधीय न्यूरॉन्स केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (central nervous system CNS) को संकेत मिलता है. ये CNS इन संकेतों की व्याख्या करता है और उन्हें मस्तिष्क में भेजता है, जिससे आपको यह पता चलता है कि काटने से खुजली होगी.
ऐसा कहा जा सकता है कि मच्छर के काटने से जो खुजली होती है उसके पीछे मच्छर की लार में मौजूद रसायन के कारण होती है और वैज्ञानिकों के अनुसार इस लार का शरीर में प्रवेश करने से कुछ प्रतिक्रियाएं होती हैं जिससे खुजली होती है और कुछ देर बाद ठीक भी हो जाती है
Comments
Post a Comment