जानें डॉक्टर सफेद कोट क्यों पहनते हैं?
जानें डॉक्टर सफेद कोट क्यों पहनते हैं?🌹
अकसर आपने हॉस्पिटल में डॉक्टर और नर्स को सफेद कोट पहने देखा होगा. हर नौकरी पेशा लोगों की अपनी पहचान होती है हैना! चाहे वो डॉक्टर हो या फिर वाकील. अलग-अलग प्रोफेशन में यूनिफार्म के रंग बदल जाते है. डॉक्टर अधिकतर सफेद कोट और वकील काला कोट पहनते हैं. परन्तु क्या आपने कभी सोचा है कि डॉक्टर सफेद कोट ही क्यों पहनते हैं.
सफेद कोट या लैब कोट यानी एप्रन (apron) चिकित्सा क्षेत्र में पेशेवरों द्वारा पहना जाता है जो कि घुटने तक लंबा होता है. ये कोट सफेद या हल्के रंग के सूती, लिनन या सूती पॉलिएस्टर मिश्रण से बना होता है, जिससे इसे उच्च तापमान पर धोया जा सकता है और सफेद होने के कारण आसानी से पता चल जाता है कि साफ हुआ है या नहीं.
💁♂क्या आप जानते हैं कि डॉक्टरों ने लैब वैज्ञानिकों से सफेद कोट को ग्रहण किया है?
19वीं शताब्दी के मध्य से पहले, केवल वैज्ञानिक जो प्रयोगशालाओं या लैब में काम करते थे, वे लैब कोट पहनते थे जो कि हल्का गुलाबी या पीले रंग का होता था. तभी प्रयोगशाला वैज्ञानिकों ने यह दिखाकर चिकित्सकों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया था कि दवाओं द्वारा कराया गया इलाज बेकार था, इस प्रकार चिकित्सकों को दोषी ठहराया गया. जबकि उस समय वैज्ञानिकों को सार्वजनिक और शासकों द्वारा प्रशंसा मिलती थी, वहीं चिकित्सकों पर उस समय उतना विश्वास नहीं किया जाता था. इसलिए चिकित्सा पेशा विज्ञान में बदल गया. इस प्रकार चिकित्सकों ने वैज्ञानिक बनने का फैसला किया.
आखिरकार, बादमें यह सोचा गया कि प्रयोगशालाओं में किए गए आविष्कार निश्चित रूप से बीमारी का इलाज करने में सफलता प्रदान कर सकते हैं. इसलिए भी चिकित्सक, खुद को वैज्ञानिकों के रूप में प्रस्तुत करने की मांग कर रहे थे और तभी उन्होंने वैज्ञानिक प्रयोगशाला कोट को अपने कपड़े के मानक के रूप में अपनाया और चिकित्सकों ने 1889 AD में कोट को पहचानने योग्य प्रतीक के रूप में पहनना शुरू किया. जब लैब कोट चिकित्सा पेशे द्वारा अपनाया गया था, तो उन्होंने अपने कोट का रंग सफेद पसंद किया. आधुनिक सफेद कोट कनाडा में दवा के लिए डॉ जॉर्ज आर्मस्ट्रांग (Dr. George Armstrong,1855-1933) द्वारा पेश किया गया था जो मॉन्ट्रियल जनरल अस्पताल में एक सर्जन थे और कनाडाई मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष.
💁♂आखिर सफेद रंग को ही क्यों चुना गया?
चिकित्सा पेशे के नए मानक के रूप में सफेद रंग को अच्छे कारणों से चुना गया है. शुद्धता का प्रतिनिधित्व करने वाला यह रंग चिकित्सक द्वारा किए गाए कमिटमेंट को दर्शाता है. सफेद भलाई का प्रतिनिधित्व करता है. उदाहरण के लिए, मूसा, जीसस और संतों को अक्सर सफेद रंग के पहने हुए लिबास के रूप में वर्णित किया जाता है. सफेद स्वच्छता व्यक्त करता है और संक्रमण की शुद्धता को भी दर्शाता है.
इसके अलावा, सफेद कोट, उद्देश्य की गंभीरता का भी तो प्रतीक है. यह चिकित्सक के चिकित्सकीय इरादे से संचार करता है और एक प्रतीकात्मक बाधा के रूप में कार्य करता है जो चिकित्सक और रोगी के बीच पेशेवर दूरी को बनाए रखता है. शायद सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सफेद रंग को शांती और सुकून का रंग माना जाता है और डॉक्टर्स का काम अपने मरीजों का इलाज करना और राहत महसूस करवाना है. इसलिये ही तो डॉक्टर्स हमेशा सफेद कोट पहनते है. ऐसा भी माना जाता है कि हॉस्पिटल में आकर मरीज तनाव भरे माहौल में पॉजीटिव रह सके इसलिये भी डॉक्टर्स हमेशा सफेद कोट पहनते है. देखा जाए तो डॉक्टर्स के सफेद कोट पहनने की शुरूआत बीसवीं शताब्दी से हुई थी.
💁♂डॉक्टरों द्वारा सफेद कोट पहनने के कारणों के बारे में एक आंतरिक सर्वेक्षण ने निम्नलिखित परिणाम दिए:
- रोगियों, नर्सों और अन्य डॉक्टरों द्वारा सफेद कोट से आसानी से पहचान हो जाती है.
- सफेद कोट में बड़ी जेब होने के कारण सामान ले जाने में जैसे स्टेथोस्कोप आदि में आसानी होती है.
- सफेद कोट के कारण चिकित्सक के रूप में स्थिति पर जोर दिया जा सकता है.
- डॉक्टरों के लिए सामाजिक उम्मीदों का होना.
- परिवेश और मरीजों से संक्रमण के खिलाफ स्वयं की रक्षा.
- स्वच्छता की छाप छोड़ना.
- स्वयं से दूषितकरण के खिलाफ रोगियों की रक्षा.
- सफेद रंग का कोट शरीर के तापमान को बनाए रखना में मदद करता है.
एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि 82% बाल रोग विशेषज्ञ या मनोचिकित्सक अपने पेशेवर पोशाक के रूप में सफेद कोट पहनना पसंद नहीं करते हैं, यह सोचते हुए कि यह बच्चों और मानसिक रूप से परेशान मरीजों के साथ बातचीत को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है.
💁♂सफेद कोट समारोह (White Coat Ceremony,WCC) क्या है?
सफेद कोट समारोह एक अपेक्षाकृत नया अनुष्ठान है जो मेडिकल स्कूल में प्रवेश के समय और हाल ही में कई स्वास्थ्य-संबंधित स्कूलों और व्यवसायों में प्रवेश के दौरान दिया जाता है. इसकी उत्पत्ति 1989 में शिकागो विश्वविद्यालय के प्रिट्जर स्कूल ऑफ मेडिसिन (University of Chicago's Pritzker School of Medicine) में हुई थी.
यानी सफेद कोट समारोह कुछ चिकित्सा, ऑप्टोमैट्री, दंत, शारीरिक चिकित्सा, फार्मेसी, चिकित्सक सहायक, और पशु चिकित्सा स्कूलों में अपेक्षाकृत एक नया अनुष्ठान है जो छात्रवृत्ति से नैदानिक स्वास्थ्य विज्ञान के अध्ययन से छात्र के संक्रमण को चिह्नित करता है. कई मेडिकल स्कूलों में इसका जश्न मनाया जाता है.
हम कह सकते हैं कि बीसवीं शताब्दी से डॉक्टरों ने सफेद कोट पहनना शुरू किया था क्योंकि सफेद रंग शांति, पवित्रता, इमानदारी इत्यादि का प्रतीक माना जाता है. डॉक्टर जिस प्रकार मरीजों को नया जीवन प्रदान करते हैं उसी प्रकार सफेद रंग शीतलता देता है ओर एक पहचान को भी चिन्हित करता है
Comments
Post a Comment