अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (21 फरवरी) – (International Mother Language Day)

 अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (21 फरवरी) – (International Mother Language Day)

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👉 अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस कब मनाया जाता है?

प्रतिवर्ष सम्पूर्ण विश्व में 21 फरवरी को ‘अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ मनाया जाता है। वर्ष 2017 में इस दिवस का मुख्य विषय- ‘बहुभाषीय शिक्षा के माध्यम से सतत भविष्य की ओर’ है।

👉 अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का इतिहास

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की सामान्य सभा द्वारा ‘नवंबर, 1999 में इस दिवस’ को मनाने की घोषणा की गई थी।
जिसके पश्चात यह दिवस फरवरी, 2000 से प्रतिवर्ष भाषाई और सांस्कृतिक विविधता’ और बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
गौरतलब है कि 21 फरवरी, 1952 को ढाका में कई छात्रों ने बांग्ला को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग को लेकर पुलिस की गोलियों के सामने शहादत हासिल की। संयुक्त राष्ट्र ने इसकी स्मृति में प्रतिवर्ष इस दिन दिवस मनाने का निर्णय किया। 2008 को अन्तर्राष्ट्रीय भाषा वर्ष घोषित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के महत्व को फिर महत्त्व दिया था।

👉 अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का उद्देश्य

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मातृभाषा दिवस को मनाने का उद्देश्य है भाषाओं और भाषाई विविधता को बढ़ावा देना, लेकिन आज हम भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग का संकल्प कर सकते हैं।

👉 मातृभाषा किसे कहते है?

जन्म लेने के बाद मानव जो प्रथम भाषा सीखता है उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं। मातृभाषा, किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एवं भाषाई पहचान होती है।

मातृभाषा आदमी के संस्कारों की संवाहक है। मातृभाषा के बिना, किसी भी देश की संस्कृति की कल्पना बेमानी है। मातृभाषा हमें राष्ट्रीयता से जोड़ती है और देश प्रेम की भावना उत्प्रेरित करती है। मातृ भाषा आत्मा की आवाज़ है तथा देश को माला की लड़ियों की तरह पिरोती है। माँ के आंचल में पल्लवित हुई भाषा बालक के मानसिक विकास को शब्द व पहला सम्प्रेषण देती है। मातृ भाषा ही सबसे पहले इंसान को सोचने-समझने और व्यवहार की अनौपचारिक शिक्षा और समझ देती है। बालक की प्राथमिक शिक्षा मातृ भाषा में ही करानी चाहिए।

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