राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 🔎 (28 फरवरी): (28 February: National Science Day in Hindi)
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 🔎 (28 फरवरी): (28 February: National Science Day in Hindi)
🔸राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है?
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में हर साल 28 फरवरी को भारत में मनाया जाता है।
28 फरवरी सन् 1928 को सर सी. वी. रमन ने अपनी खोज की घोषणा की थी। इसी खोज के लिये उन्हे 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया था।
🔸राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2020:
संपूर्ण देश में 28 फरवरी, 2020 को ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ (National Science Day) मनाया जायेगा। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2020 की थीम 'Women in Science' है। जिसका चयन विज्ञान से संबंधित मुद्वों के प्रति महिलाओं को बढ़ावा देना है। ’
🔸राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास:
भारत में 28 फरवरी 1928 एक महान दिन था जब प्रसिद्ध भारतीय भौतिक शास्त्री चन्द्रशेखर वेंकट रमन के द्वारा भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में आविष्कार पूरा हुआ था। वो एक तमिल ब्राह्मण थे और वो विज्ञान के क्षेत्र के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत में ऐसे आविष्कार पर शोध किया था। भविष्य में इस कार्यक्रम को हमेशा याद और सम्मान देने के लिये वर्ष 1986 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीय संचार के लिये राष्ट्रीय परिषद के द्वारा भारत में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रुप में नामित करने के लिये भारतीय सरकार से कहा गया था।
🔸राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य:
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य तरुण विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है।
🔸राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है?
हर वर्ष भारत में मुख्य विज्ञान उत्सवों में से एक के रुप में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाया जाता है जिसके दौरान स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी विभिन्न विज्ञान प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित करते हैं साथ ही राष्ट्रीय और राज्य विज्ञान संस्थान अपने नवीतम शोध प्रदर्शित करते हैं। इस समारोह में सार्वजनिक भाषण, रेडियो-टीवी टॉक शो, विज्ञान फिल्मों की प्रदर्शनी, विषय और संकल्पना पर आधरित विज्ञान प्रदर्शनी, नाईट स्काई देखना, सजीव प्रोजेक्ट्स और शोध प्रदर्शनी, चर्चा, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, भाषण, विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी आदि बहुत सारे क्रियाकलाप होते हैं।
🔸राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के विषय:👇
🔹वर्ष 1999 का विषय था “हमारी बदलती धरती”।
🔹वर्ष 2000 का विषय था “मूल विज्ञान में रुचि उत्पन्न करना”।
🔹वर्ष 2001 का विषय था “विज्ञान शिक्षा के लिये सूचना तकनीक”।
🔹वर्ष 2002 का विषय था “पश्चिम से धन”।
🔹वर्ष 2003 का विषय था “जीवन की रुपरेखा- 50 साल का डीएनए और 25 वर्ष का आईवीएफ”।
🔹वर्ष 2004 का विषय था “समुदाय में वैज्ञानिक जागरुकता को बढ़ावा देना”।
🔹वर्ष 2005 का विषय था “भौतिकी को मनाना”।
🔹वर्ष 2006 का विषय था “हमारे भविष्य के लिये प्रकृति की परवरिश करें”।
🔹वर्ष 2007 का विषय था “प्रति द्रव्य पर ज्यादा फसल”।
🔹वर्ष 2008 का विषय था “पृथ्वी ग्रह को समझना”।
🔹वर्ष 2009 का विषय था “विज्ञान की सीमा को बढ़ाना”।
🔹वर्ष 2010 का विषय था “दीर्घकालिक विकास के लिये लैंगिक समानता, विज्ञान और तकनीक”।
🔹वर्ष 2011 का विषय था “दैनिक जीवन में रसायन”।
🔹वर्ष 2012 का विषय था “स्वच्छ ऊर्जा विकल्प और परमाणु सुरक्षा”।
🔹वर्ष 2013 का विषय था “अनुवांशिक संशोधित फसल और खाद्य सुरक्षा”।
🔹वर्ष 2014 का विषय था “वैज्ञानिक मनोवृत्ति को प्रोत्साहित करना”।
🔹वर्ष 2015 का विषय था “राष्ट्र निर्माण के लिये विज्ञान”।
🔹वर्ष 2016 का विषय “देश के विकास के लिए वैज्ञानिक मुद्दों पर सार्वजनिक प्रशंसा बढ़ाने के लक्ष्य”।
🔹वर्ष 2017 का विषय “विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी”।
🔹वर्ष 2018 का विषय “एक टिकाऊ भविष्य के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी”।
🔹वर्ष 2019 - "विज्ञान के लिए जन और जन विज्ञान के लिए विज्ञान।"
🔹वर्ष 2020 - की थीम 'Women in Science' है।
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