अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस; जानें इतिहास

 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस; जानें इतिहास



👉 हर साल हम 8 मार्च को विश्व की प्रत्ये‍क महिला के सम्मान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं. 

🙌 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्पूर्ण विश्व की महिलाएं देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर इस दिन को मनाती हैं. साथ ही पुरुष वर्ग भी इस दिन को महिलाओं के सम्मान में समर्पित करता है.

🧐 पहला महिला दिवस
सन 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका द्वारा पहली बार पूरे अमेरिका में 28 फरवरी को महिला दिवस मनाया गया. 1975 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक विशेष थीम के साथ महिला दिवस मनाने का निर्णय किया. महिला दिवस की पहली थीम थी- 'सेलिब्रेटींग द पास्ट, प्लेनिंग फॉर द फ्युचर.' 

🎯 1917 में हुई अधिकारिक घोषणा
इतिहास की माने तो 1917 में रूस की महिलाओं ने एक आंदोलन छेड़ दिया. ये आंदोलन इतना असरदार रहा कि ज़ार ने सत्ता छोड़ी और महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला. कहा जाता है कि उन दिनों रूस में जुलियन कैलेंडर चलता था जबकि बाकि दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर. इन दोनों की तारीखों में कुछ अन्तर होता है. जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 1917 की फरवरी का आखिरी इतवार 23 फ़रवरी को था जबकी ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन तारीख 8 मार्च थी. यही कारण था कि हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की अधिकारिक घोषणा कर दी गई. 

🔖 2019 की थीम -
इस बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम BalanceforBetter है, जिसकी घोषणा होते ही सोशल मीडिया पर लोगों के अंदर एक अलग तरह का उत्साह नजर आ रहा है. यह थीम महिलाओं को अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है.

🙋‍♀ भारत में महिलाओं की स्थिति
👉 भारत में महिलाओं को शिक्षा, वोट देने का अधिकार और मौलिक अधिकार प्राप्त है. धीरे-धीरे परिस्थितियां बदल रही हैं. भारत में आज महिला आर्मी, एयर फोर्स, पुलिस, आईटी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा जैसे क्षेत्र में पुरूषों के कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं. माता-पिता अब बेटे-बेटियों में कोई फर्क नहीं समझते हैं. लेकिन यह सोच समाज के कुछ ही वर्ग तक सीमित है.

👉 सही मायने में महिला दिवस तब ही सार्थक होगा जब विश्व भर में महिलाओं को मानसिक व शारीरिक रूप से संपूर्ण आजादी मिलेगी, जहां उन्हें कोई प्रताड़ित नहीं करेगा, जहां उन्हें दहेज के लालच में जिंदा नहीं जलाया जाएगा, जहां कन्या भ्रूण हत्या नहीं की जाएगी, जहां बलात्कार नहीं किया जाएगा, जहां उसे बेचा नहीं जाएगा. 

👉 समाज के हर महत्वपूर्ण फैसलों में उनके नजरिए को महत्वपूर्ण समझा जाएगा. तात्पर्य यह है कि उन्हें भी पुरूष के समान एक इंसान समझा जाएगा. 

🎉 ''Happy Women's Day''

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