विश्व ओजोन दिवस 2020

 *विश्व ओजोन दिवस 2020

: विश्व ओजोन दिवस क्यों मनाया जाता है?*


विश्व ओजोन दिवस 16 सितंबर को प्रत्येक साल मनाया जाता है. यह दिवस प्रत्येक साल 16 सितंबर को पूरे दुनिया में मनाया जाता है. पृथ्वी के ऊपर मौजूद ओजोन परत तथा पर्यावरण में उसकी भूमिका के महत्त्व को उजागर करने के लिए प्रत्येक साल विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है.


इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को धूप में निकलते समय अल्ट्रा वायलेट किरणों से सावधान रहने तथा ओजोन को संरक्षित रखने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करने के प्रति जागरूक बनाना है. यह दिवस का आयोजन मुख्यतः ओजोन परत के क्षरण के बारे में लोगों को जागरूक करने एवं इसे बचाने के बारे में समाधान का खोज करने हेतु मनाया जाता है.


पहली बार विश्व ओजोन दिवस कब मनाया गया था


पहली बार विश्व ओजोन दिवस साल 1995 में मनाया गया था. यह दिवस जनता के बारे में पर्यावरण के महत्व तथा इसे सुरक्षित रखने के अहम साधनों के बारे में शिक्षित करता है. इसे मनाने का उद्देश्य धरती पर ओजोन की परत का संरक्षण करना है.


ओजोन परत के बारे में


ओजोन परत की खोज साल 1913 में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी. ओजोन परत गैस की एक परत है जो पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती है. यह गैस की परत सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों के लिए एक अच्छे फिल्टर (छानकर शुद्ध करना) का काम करती है. यह परत इस ग्रह के जीवों के जीवन की रक्षा करने में सहायता करती है. यह पृथ्वी पर हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पहुंचने से रोक कर मनुष्यों के स्वास्थ्य तथा पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करता है.


ओजोन एक हल्के नीले रंग की गैस होती है. ओजोन परत में वायुमंडल के अन्य हिस्सों के मुकाबले ओजोन (O3) की उच्च सांद्रता होती है. यह परत मुख्य रूप से समताप मंडल के निचले हिस्से में पृथ्वी से 20 से 30 किलोमीटर की उंचाई पर पाई जाती है. परत की मोटाई मौसम एवं भूगोल के हिसाब से अलग– अलग होती है.


पराबैगनी किरणों से होने वाले नुकसान

पराबैगनी किरण सूर्य से पृथ्वी पर आने वाली एक किरण है जिसमें ऊर्जा बहुत ज्यादा होती है. यह ऊर्जा ओजोन की परत को धीरे-धीरे पतला कर रही है. पराबैगनी किरणों की बढ़ती मात्रा से चर्म कैंसर, मोतियाबिंद के अतिरिक्त शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है. इसका असर जैविक विविधता पर भी पड़ता है तथा कई फसलें नष्ट हो सकती हैं. यह किरण समुद्र में छोटे-छोटे पौधों को भी प्रभावित करती है, जिससे मछलियों और अन्य प्राणियों की मात्रा कम हो सकती है.


विश्व ओजोन दिवस का इतिहास


संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 1994 में 16 सितंबर को ‘ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय ओज़ दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की. इस दिन ओजोन परत के संरक्षण के लिए साल 1987 में बनाए गए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किया गया था

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